नागपुर में हीमोफीलिया का इलाज

हीमोफीलिया का इलाज: रक्तस्राव विकार का प्रबंधन

हीमोफीलिया एक दुर्लभ आनुवंशिक रक्तस्राव विकार है जिसमें रक्त का थक्का (Clot) ठीक से नहीं बन पाता। हालाँकि यह सीधे तौर पर कैंसर का इलाज नहीं है, लेकिन इसका प्रबंधन विशेषज्ञ हेमेटो-ऑन्कोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है। ये विशेषज्ञ रक्त विकारों और ब्लड कैंसर दोनों के उपचार में निपुण होते हैं। हीमोफीलिया के रोगी को निरंतर देखभाल और सटीक निदान की आवश्यकता होती है, जिसके लिए अनुभवी ऑन्कोलॉजिस्ट से परामर्श महत्वपूर्ण है।

डॉ. सौरभ प्रसाद: नागपुर में विशेषज्ञ हेमेटो-ऑन्कोलॉजी सेवाएँ

नागपुर में डॉ. सौरभ प्रसाद एक अनुभवी वयस्क और पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजिस्ट, हेमेटो-ऑन्कोलॉजिस्ट और बोन मैरो विशेषज्ञ हैं। उन्हें ब्लड कैंसर (जैसे ल्यूकेमिया, मल्टीपल मायलोमा) के निदान और इलाज में, तथा हीमोफीलिया सहित जटिल रक्त विकारों के प्रबंधन में भी गहरी विशेषज्ञता प्राप्त है। डॉ. प्रसाद कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, और उन्नत एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिए जाने जाते हैं। पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजिस्ट के रूप में, वे बच्चों में रक्त विकारों के लिए विशेषज्ञ देखभाल प्रदान करते हैं।

हीमोफीलिया: लक्षण और कारण

हीमोफीलिया जीवन भर रहने वाली स्थिति है, जिसके प्रबंधन में रक्त विकार विशेषज्ञता आवश्यक है।

हीमोफीलिया के लक्षण (Symptoms)
  • असामान्य और लंबा रक्तस्राव: मामूली चोट या सर्जरी के बाद भी।
  • जोड़ों में रक्तस्राव (Hemarthrosis): दर्द, सूजन, और जोड़ों में क्षति।
  • गहरे और बड़े नीले निशान (Bruises): आसानी से बनना।
  • आंतरिक रक्तस्राव: मांसपेशियों या मस्तिष्क में रक्तस्राव (गंभीर मामलों में)।
  • ऑपरेशन से पहले जाँच: पुरुषों में कैंसर या महिलाओं में किसी भी ऑपरेशन से पहले रक्तस्राव का मूल्यांकन आवश्यक।
  • बच्चों में लक्षण: चोट लगने पर आसानी से रक्तस्राव।
हीमोफीलिया के कारण (Causes)
  • आनुवंशिक दोष: क्लॉटिंग फैक्टर (Factor VIII या Factor IX) बनाने वाले जीन में दोष।
  • प्रकार:
    • हीमोफीलिया A: फैक्टर VIII की कमी।
    • हीमोफीलिया B: फैक्टर IX की कमी।
  • मुख्य रूप से पुरुषों में, महिलाएं वाहक। हल्के लक्षण महिलाओं में भी दिख सकते हैं।
हीमोफीलिया के इलाज की प्रक्रिया (Procedure of Treatment)

हीमोफीलिया का कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन हेमेटो-ऑन्कोलॉजिस्ट द्वारा जीवनभर प्रभावी प्रबंधन किया जाता है।

रिप्लेसमेंट थेरेपी (Replacement Therapy)
  • प्रक्रिया: रोगी को क्लॉटिंग फैक्टर का इंजेक्शन (Factor VIII या Factor IX) दिया जाता है।
  • आवश्यकता पर (On-demand): रक्तस्राव रोकने के लिए।
  • निवारक (Prophylaxis): नियमित रूप से, खासकर बच्चों और गंभीर मामलों में।
गैर-फैक्टर उपचार

नई टारगेटेड थेरेपी दवाएँ, जैसे Emicizumab, जो क्लॉटिंग फैक्टर के बिना ही रक्त का थक्का जमने की प्रक्रिया की नकल करती हैं।

  • जटिलताओं का प्रबंधन: जोड़ों में रक्तस्राव के लिए फिजियोथेरेपी और दर्द निवारक दवाएँ।
  • टीकाकरण और रोकथाम: किसी बड़ी सर्जरी या कैंसर इलाज से पहले ऑन्कोलॉजिस्ट को जानकारी देना और उचित फैक्टर कवर लेना आवश्यक।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)
  • प्र.1: हीमोफीलिया के लिए हेमेटो-ऑन्कोलॉजिस्ट से परामर्श क्यों लेना चाहिए?
    उत्तर: हेमेटो-ऑन्कोलॉजिस्ट रक्त, अस्थि मज्जा और लिम्फ नोड्स के रोगों में विशेषज्ञ होते हैं। ब्लड कैंसर विशेषज्ञ होने के नाते, वे रक्त जमावट विकारों और जटिल प्रक्रियाओं में निपुण होते हैं।
  • प्र.2: क्या हीमोफीलिया के मरीज़ को कैंसर हो सकता है?
    उत्तर: हाँ, हीमोफीलिया वाले व्यक्ति को सामान्य जनसंख्या की तरह कोई भी कैंसर हो सकता है। इलाज के दौरान रक्तस्राव प्रबंधन आवश्यक।
  • प्र.3: क्या जीन थेरेपी हीमोफीलिया का इलाज है?
    उत्तर: जीन थेरेपी आशाजनक है और हेमेटो-ऑन्कोलॉजिस्ट की देखरेख में दी जाती है। कुछ रोगियों में स्थायी इलाज साबित हो सकती है।
  • प्र.4: बच्चों में हीमोफीलिया का प्रबंधन कैसे किया जाता है?
    उत्तर: पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजिस्ट और रक्त विकार विशेषज्ञ मिलकर बच्चों में हीमोफीलिया का प्रबंधन करते हैं। गंभीर मामलों में प्रोफिलैक्सिस उपचार आवश्यक।
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